हजरत मुहम्मद जी जैसी इबादत आज का कोई मुसलमान नहीं कर सकता है, उन्होंने मरी हुई गाय को अपनी शब्द शक्ति से जीवित किया था, और कभी उन्होंने मांस नहीं खाया था!
जबकि आज सर्व मुस्लिम समाज मांस खा रहा है
जो अल्लाह का आदेश नही है
एक तरफ तो आप भक्ति करते हो, और दूसरी तरफ आप बेजुबान निर्दोष जानवरों की हत्या कर उनका मांस खाते हो
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