रविवार, 25 अप्रैल 2021

#mahaveer jaynti

🔹महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भागवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती, न मोक्ष।

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

world

🕯️जब प्रकृति विकराल रूप ढाए,
बीमारियों का कोहराम मच जाए,
विज्ञान कोई उपाय सुझा ना पाए,
हर प्रयत्न बेकार जाए,
निराशा का अंधेरा हर तरफ छा जाए,
तब याद रखो कबीर ही है परमेश्वर हमारा, वही है आत्मा का सच्चा सहारा।

मंगलवार, 13 अप्रैल 2021

Shakti

🔮सतलोक में परमात्मा के शब्द से 16 पुत्र उत्पन्न हुए, वह सब अपने अपने द्वीप में रहते थे। लेकिन अचिंत ने सृष्टि रचना में मदद के लिए अक्षर पुरुष को उत्पन्न किया जो मानसरोवर में सो गया। उसे जगाने के लिए परमात्मा ने ज्योति निरंजन कि उत्पत्ति की। फिर उन तीनों को साथ रहने का आदेश दिया।
बहुत समय उपरान्त क्षर पुरुष (ज्योति निरंजन) ने सोचा कि हम तीनों (अचिन्त - अक्षर पुरुष - क्षर पुरुष) एक द्वीप में रह रहे हैं तथा अन्य एक-एक द्वीप में रह रहे हैं। मैं भी साधना करके अलग द्वीप प्राप्त करूँगा। उसने ऐसा विचार करके एक पैर पर खड़ा होकर सत्तर (70) युग तक तप किया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज

गुरुवार, 8 अप्रैल 2021

Hindi

📙श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का जब इनकी माता श्री दुर्गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न डी.जे बजा था। श्री दुर्गा जी ने अपने पुत्रों(श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) को तीनों लड़कियां देकर (सावित्री जी, लक्ष्मी जी, पार्वती जी) कहा कि ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।